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Sunday 23 September 2018

Immunization , Tikakaran || टीकाकरण क्या है || टीका कब और कहा लगाया जाता

              Immunization टीकाकरण क्या है 
             टीकाकरण से संबंधित सवाल - जवाब

टीकाकरण क्या है? What is Immunization 



टीकाकरण बचपन में होने वाली कई जानलेवा बीमारियों से बचाव का सबसे प्रभावषाली एवं सुरक्षित तरीका है। टीकाकरण बच्चे के रोग प्रतिरोधक तंत्र को मजबूत बनाता है और उन्हें विभिन्न जीवाणु तथा विषाणुओं से लड़ने की शक्ति प्रदान करता है।


Immunization program


भारत में टीकाकरण कार्यक्रम क्या है? || What is the Vaccination Program in India

राष्ट्रीय टीकाकरण नीति को वर्ष 1975 में अपनाया गया था, जिसका शुभारंभ EPI (Expanded Program of Immunization) द्वारा प्रांरभ किया गया। जिसे 1985 में बदलकर Universal Immunization Program (UIP) करके सम्पूर्ण भारत वर्ष में लागू कर दिया गया। भारत का टीकाकरण कार्यक्रम (UIP) गुणवत्तापूर्ण वैक्सीन का उपयोग करने, लाभार्थियों की संख्या, टीकाकरण सत्रों के आयोजन और भौगोलिक क्षेत्रों की विविधता को कवर करने के संदर्भ में विष्व का सबसे बडा कार्यक्रम है।

राजस्थान में 19 नवम्बर, 1985 से व्यापक रोग प्रतिरक्षण कार्यक्रम प्रारम्भ किया गया है जिसमें पोलियों, गलघोंटू, काली खांसी, नवजात षिषुओं मे धनुर्वात (टिटनेस), खसरा एवं बच्चों मे होने वाले गम्भीर प्रकार के क्षय रोग से सुरक्षा प्रदान करने के लिये निवारक टीके लगाये जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया। 15 दिसम्बर 2011 से इस कार्यक्रम मे हेपेटाईटिस-बी का टीकाकरण सम्मिलित किया गया। नवम्बर 2014 से टीकाकरण कार्यक्रम में पेन्टावेलेन्ट वैक्सीन, दिनांक 01 अप्रैल, 2016 से IPV वैक्सीन, 23 मार्च, 2017 से रोटा वायरस वैक्सीन तथा 7 अप्रैल, 2018 से इसमें पीसीवी (न्यूमोकोकल कोन्जूगेट वैक्सीन) को भी सम्मिलित किया गया।

गर्भवती महिलाओं को कौन-कौन से टीके लगाये जाते हैं और ये टीके कब लगाये जाते हैं?
What vaccines are impregnated to pregnant women and when are they vaccinated?


गर्भवती महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान जल्दी से जल्दी टिटनेस टॉक्साइड (टीटी) के दो टीके लगाये जाने चाहिए। इन टीकों को टीटी-1 एवं टीटी-2 कहा जाता है। इन दोनो टीकों के बीच 4 सप्ताह का अंतर रखना आवष्यक है। यदि गर्भवती महिला पिछले 3 वर्ष मेंं टीटी के 2 टीके लगवा चुकी है तो उसे इस गर्भावस्था के दौरान केवल बूस्टर टीटी का टीका ही लगवाया जाना चाहिये।

गर्भवती महिलाओं के लिये टीकाकरण की आवष्यकता क्यों होती है?Why is vaccination needed for pregnant women?

टीटी वैक्सीन सभी गर्भवती महिलाओं को दिये जाने से उनका व उनके बच्चे का टिटनेस रोग से बचाव होता है। टिटनेस नवजात षिषुआें के लिये एक जानलेवा रोग है। जिससे उन्हें जकड़न, मांसपेषियों में गंभीर एेंठन हो जाती है। कभी-कभी पसलियों में जकड़न के कारण षिषु सांस नही ले पाते हैं और इसी कारण उनकी मुत्यु भी हो जाती है।

यदि गर्भवती महिला गर्भावस्था के दौरान देर से अपना नाम दर्ज कराती है (ANC Registration) तब भी क्या उसे टीटी के टीके लगाये जाने चाहिये। || If a pregnant woman lodges her name late during pregnancy (ANC Registration) then should she be vaccinated TT?

जी हाँ, टीटी का टीका माँ और बच्चे को टिटनेस की बीमारी से बचाता है। भारत में नवजात षिषुओं की मृत्यु का एक प्रमुख कारण जन्म के समय टिटनेस का संक्रमण होना है। इसलिए अगर गर्भवती महिला ANC के लिए देर से भी नाम दर्ज करवाये तो भी उसे टीटी के टीके लगाये जाने चाहिये। किन्तु टीटी-2 या टीटी बूस्टर टीका प्रसव की अनुमानित तिथि से कम से कम चार सप्ताह पहले दिया जाना चाहिये ताकि उसे उसका पूरा लाभ मिल सके।

यदि बीसीजी का टीका लगवाने के बाद बच्चे की बांह पर कोई निषान ना उभरे तो क्या किया जावे? What should be done if a vaccine does not arise after the vaccination of BCG?

बीसीजी BCG का टीका लगवाने के बाद बच्चे की बांह पर कोई निषान ना उभरे तो बच्चे को दोबारा टीका लगवाने की आवष्यकता नहीं है।

अब चूंकि भारत को पोलियो मुक्त घोषित किया जा चुका है, तो बच्चों को नियमित टीकाकरण के साथ-साथ पल्स पोलियो अभियानों में पोलियो की खुराक क्यों दी जा रही है। || Now that India has been declared polio free, why are polio doses given to children in regular pulse polio campaigns along with regular vaccination?

भले ही भारत को पोलियो मुक्त Polio घोषित किया जा चुका है, फिर भी भारत के पड़ोसी देषां में पोलियो का संक्रमण अभी भी मौजूद है। पोलियो रोग से संक्रमित किसी व्यक्ति के भारत आने से इसका संक्रमण फैलने का खतरा सतत् रूप से बना रहता है। इसलिये जब तक सम्पूर्ण विष्व से पोलियो का संक्रमण समाप्त नहीं हो जाता, बच्चों को उनका सुरक्षा स्तर बनाये रखने के लिये पोलियो की खुराक दिया जाना आवष्यक है।

शिशु के टीकाकरण की शुरूआत कब होनी चाहिये? || When should the vaccination of the baby be started?

  • टीकाकरण कार्यक्रम Tikakaran Program के अनुसार अस्पताल या किसी अन्य संस्थान में जन्म लेने वाले सभी षिषुओं को जन्म लेने के 24 घन्टे के भीतर बीसीजी का टीका, पोलियो की ’’जीरो’’ खुराक और हेपेटाईटिस बी का टीका लग जाना चाहिये।
  • डेढ़ माह (6 सप्ताह) का होने पर ओपीवी, रोटा वायरस वैक्सीन, एफ-आईपीवी, पीसीवी (न्यूमोकोकल कोन्जूगेट वैक्सीन) और पेन्टावेलेन्ट का पहला टीका दिया जाता है।
  • पहला टीका लग जाने के 28 दिवस बाद षिषु को ओपीवी, रोटा वायरस वैक्सीन और पेन्टावेलेन्ट का दूसरा टीका दिया जाता है।
  • दूसरा टीका लग जाने के 28 दिवस बाद ओपीवी, रोटा वायरस वैक्सीन की तीसरी, एफ-आईपीवी, पीसीवी (न्यूमोकोकल कोन्जूगेट वैक्सीन) की दूसरी और पेन्टावेलेन्ट का तीसरा टीका दिया जाता है।
  • 9 माह की उम्र पूर्ण होने पर खसरे के टीके के साथ-साथ विटामिन ’ए’ की पहली खुराक तथा पीसीवी (न्यूमोकोकल कोन्जूगेट वैक्सीन) बूस्टर खुराक दी जाती है।
  • 16 से 24 माह का होने पर बच्चे को खसरे एवं विटामिन ’ए’ की दूसरी खुराक दी जाती है।
  • बच्चे के 5 साल पूर्ण होने तक 6 माह के अन्तराल पर विटामिन ’ए’ की कुल 9 खुराकें दी जानी चाहिये।

अगर शिशु बीमार हो तो भी क्या उसे टीके लगवाने चाहियें? || Should a child be sick if he is ill?

जी हाँ, खांसी, जुकाम, दस्त रोग और कुपोषण जैसी आम तकलीफें टीकाकरण में रूकावट नही डालती। कुपोषण के षिकार बच्चे को टीके लगवाना और भी 
जरूरी है क्यांकि उसके बीमार पड़ने की आषंका अधिक रहती है।

टीकाकरण करवाने पर कितना खर्च आता है? || How much does it cost to get immunization?

वैक्सीन बहुत महंगी होती हैं तथा सरकार को इन्हें खरीदने, इनके रख रखाव तथा परिवहन आदि में बहुत धन खर्च करना पडता है। लेकिन सभी टीकाकरण सेवायें बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं को सरकारी स्वास्थ्य केन्द्रों व अस्पतालों में निःषुल्क दी जाती हैं।

माता-पिता अपने बच्चों का टीकाकरण कहां-कहां करवा सकते है। Where parents can vaccinate their children. 

माता-पिता अपने बच्चों का टीकाकरण Tikakaran सरकारी अस्पताल Government Hospital, मेडीकल कॉलेज Medical Collage, शहरी डिस्पेंसरियां City Dispensary, शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र Urban Primary Health Center, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र Primary Health Center, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र CHC, उपकेन्द्र SUB CENTER तथा आंगनबाडी केन्द्र ANGANWADI पर करवा सकते है। ढाणियों तथा शहरी क्षेत्रों के कुछ मोहल्लों, झुग्गियों इत्यादि में एएनएम बच्चों के टीकाकरण सत्रों का आयोजन करती है।

टीकाकरण के बाद बुखार आने के क्या कारण हैं?What are the reasons for the fever coming after vaccination?

हल्का बुखार होना इस बात का संकेत है कि वैक्सीन ने बच्चे के शारीरिक तंत्र पर सामान्य प्रभाव छोडा है। यह बुखार प्राकृतिक रूप से हल्का होता है तथा एक दो दिनों में अपने आप ठीक हो जाता है।

क्या विटामिन ’’ए’’ भी एक वैक्सीन है? Is Vitamin 'A' also a vaccine?

विटामिन ’’ए’’ कोई वैक्सीन नही हैं। यह एक सूक्ष्म पोषक पदार्थ है जो रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है, बच्चों की वृद्धि एवं विकास के लिये आवष्यक होता है, उन्हें रोगों से बचाता है तथा आंखों के लिये लाभप्रद होता है।

कुछ वैक्सीन को एक निष्चित आयु के बाद क्यों नही दिया जा सकता? Why can not some vaccine be given after an apt age?

एक निष्चित आयु का हो जाने पर बच्चों में कुछ संक्रमणों के प्रति रोग प्रतिरोधक शक्ति प्राकृतिक रूप से आ जाती है, या वे उम्र के उस दौर से गुजर चुके होते हैं जब बचाव किये जा सकने वाले रोगों से जीवन का खतरा हो सकता है।

क्या एक शिशु को एक ही समय में एक से अधिक वैक्सीन दिये जाने से कोई लाभ है? Is there any benefit from giving one child more than one vaccine at the same time?

जन स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से एक षिषु को एक ही समय में एक से अधिक वैक्सीन दिये जाने से स्वास्थ्य केन्द्र पर बार-बार आने जाने का समय बचता है। इसके कारण षिषु किसी टीकाकरण से वंचित नही रहता। साथ ही, एक ही बार में कई वैक्सीन दिये जाने का कोई दुष्प्रभाव नही है।

कभी-कभी बच्चे को टीके की दूसरी या तीसरी खुराक दिलाने ले जा पाना संभव नही होता है। ऐसे में क्या सभी टीके दोबारा शुरू करने पड़ते हैं? Occasionally it is not possible to get the child second or third dose of vaccine. Do all the vaccines have to be started again?

नही, दोबारा टीके लगवाने की आवष्यकता नही होती है; देर होने से कोई खास फर्क नही पड़ता है। फिर भी जितना संभव हो निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार ही टीके लगवाने चाहिये। टीके की दूसरी और तीसरी खुराक बच्चे की पूर्ण सुरक्षा के लिये अत्यन्त आवष्यक है।

टीकाकरण के बाद क्या-क्या सावधानियां ली जानी चाहिये? What precautions should be taken after vaccination?

टीकाकरण के बाद माता पिता स्वास्थ्य केन्द्र या सत्र स्थल पर बच्चे के साथ 30 मिनट तक प्रतिक्षा अवष्य करें, ताकि किसी दुष्प्रभाव या विपरीत प्रभाव होने की अवस्था में बच्चे को तुरंत चिकित्सा सहायता दी जा सके। अभिभावक इंजेक्षन लगाये जाने की जगह पर कोई दवा न लगाये और न ही उस जगह को मलें। यदि उस स्थान पर लालिमा या सूजन है तो साफ कपडे को ठण्डे पानी में भिगोकर, निचोड़ कर उस स्थान रखें। बच्चे को अधिक आराम देने के लिये एएनएम बहनजी द्वारा बताई गई मात्रा के अनुरूप पैरासिटामोल की गोली दें। टीकाकरण के पश्चात मां का दूध पिलाने के उपरान्त बच्चों को कमर के बल सीधा लिटायें।

पेन्टावेलेन्ट वैक्सीन किन-किन बीमारियों से सुरक्षा प्रदान करती है? What diseases protect against pentavalent vaccine?



पेन्टावेलेन्ट टीके के माध्यम से 5 जीवाणुओं से होने वाली बीमारियों का प्रतिरक्षण किया जाता है - डिप्थीरिया (गलघोंटू), परट्यूसिस (काली खांसी), टिटनेस (धनुषवाय), हेपेटाइटिस-बी, एवं हिब (मेनिन्जाईटिस एवं न्यूमोनिया)।

बढते षिषुओं या बच्चों को अक्सर बुखार आने और दाने निकलने की षिकायत रहती है। अगर षिषु या बच्चे को पहले से दाने निकले हो या बुखार आया हुआ हो तो भी क्या खसरे का टीका लगवाना चाहिये? Increasing exposure to children or children is often advised to come out of fever and rash. Even if a child or a child has already been diagnosed with fever or fever has come, should it be vaccinated against measles?

जी हां, खसरे का टीका सभी षिषुओं को अवष्य लगवाया जाना चाहिये। क्योंकि जरूरी नही कि हर बुखार या दाने खसरे का संकेत हों। अगर बच्चे को पहले से दाने निकलने के साथ बुखार आया हो तो भी उसे खसरे का टीका लगवाया जाना चाहिये ताकि उसे खसरे का संक्रमण से पूरी सुरक्षा मिल सके। खसरे के टीके के साथ-साथ विटामिन ’ए’ की पहली खुराक भी निष्चित रूप से देनी चाहिये।

क्या रोटावायरस दस्त गंभीर हो सकता है? 

भारत में जो बच्चे दस्त के कारण अस्पताल में भर्ती होते हैं, उनमें से 40 प्रतिषत बच्चे रोटावायरस संक्रमण से ग्रस्ति होते हैं। यही कारण है कि भारत में 872000 बच्चे अस्पताल में भर्ती किये जाते हैं तथा लगभग 78000 बच्चों की मृत्यु हो जाती है।

रोटावायरस कैसे फैलता है?How does rotavirus spread?

रोटावायरस अत्यन्त संक्रामक रोग है और यह दूषित पानी, दूषित खाने एवं गंदे हाथों के सम्पर्क में आने से बच्चों में फैलता है।

पीसीवी बच्चों को किन-किन रोगों से सुरक्षा प्रदान करता है? Which diseases do PCV protect children from?

पीसीवी बच्चों को न्यूमोकोकल बैक्टीरिया से होने वाले न्यूमोनिया और दिमागी बुखार (बैकटीरियल मेनिनजाइटिस) एवं अन्य बीमारियों से बचाता है।

मैं टीकाकरण में किस प्रकार मदद कर सकता/सकती हूँ? How can I help with immunization?

  • अपने रिष्तेदारों और पड़ोसियों को बतायें कि बच्चों को सभी टीकों की पूरी खुराक समय पर दिलवाना क्यों आवष्यक है और पूरे टीके लगवाने का क्या लाभ हैं।
  • हर गर्भवती महिला को गर्भावस्था के प्रारंभ में नजदीक के सरकारी स्वास्थ्य केन्द्र या अपने इलाके के स्वास्थ्य कार्यकर्ता के पास नाम दर्ज करवाने के लिये प्रोत्साहित करें।
  • अपने समुदाय में हर गर्भवती महिला और हर षिषु के माता पिता को प्रेरित करें कि वे निष्चित दिन पर टीकाकरण सत्र स्थल पर जावें एवं वहां मिलने वाली सभी सेवाओं का पूर्ण लाभ उठायें।
  • शिशुओं के माता पिता को बताये कि टीकाकरण कार्ड का क्या महत्व है। यह कार्ड संभाल कर रखना चाहिये तथा गर्भवती महिला या षिषु को जब भी टीका लगवाने ले जायें यह कार्ड साथ ले जाना ना भूलें।


Note:- यह जानकारी सरकारी  वेबसाइट  से ली गई है http://nrhmrajasthan.nic.in/Immunization.htm

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